व्यास पूर्णिमा-विक्रम सम्वत् 2080

Shree Ram Sharnam Gwalior

श्री राम शरणम्

राम सेवक संघ, ग्वालियर

आदर्श दाम्पत्य-जीवन (3)

25th Dec 2024

आदर्श दाम्पत्य-जीवन (3)

(पूज्यश्री (डॉ.) विश्वामित्र जी महाराज)

एक राजा ने सुना, उनके एक मंत्री के परिवार में सौ सदस्य हैं और उन सभी के लिये भोजन एक चूल्हे पर बनता है। विश्वास न हुआ, अवसर मिलते ही राजा देखने के लिये मंत्री के घर पहुँच गये। पूर्व सूचना भी नहीं दी। देखा, बिलकुल सत्य। पूछा- ‘क्या कभी झगड़ा नहीं हुआ ? क्या कभी खाना पकाने या कम-अधिक भोजन मिलने पर विरोध नहीं हुआ, कलह-क्लेश नहीं हुआ ?’ `नहीं राजन् ! ऐसा आज तक कभी नहीं हुआ।’ ‘मंत्री महोदय ! इस सौहार्द्र का रहस्य क्या है?’ राजन् ! हम एक-दूसरे को सहना जानते हैं। जीवन में सहिष्णुता के अतिरिक्त सौहार्द्र बनाये रखने का कोई अन्य उपाय नहीं। ‘प्रेम की अभिव्यक्तियाँ हैं- सहनशीलता तथा क्षमा। जहाँ ये सब हैं, वह परिवार कितना बड़ा भी क्यों न हो, एक रहेगा, कभी टूटेगा नहीं, ऐसा लगेगा वहाँ प्रेम स्वरूप परमात्मा का वास है।’
आपस में मिलकर रहो, राम भजो ले नाम।
एकता बने अभंग तब, आत्मा पाय विश्राम॥
सब से हिल मिल कर रहो, भक्ति प्रेम कर मेल।
चार दिनों का खेल है, करो न ठेलम ठेल ॥
[श्री भक्ति-प्रकाश]
प्रेषक : श्रीराम शरणम्, रामसेवक संघ, ग्वालियर