व्यास पूर्णिमा-विक्रम सम्वत् 2080

Shree Ram Sharnam Gwalior

श्री राम शरणम्

राम सेवक संघ, ग्वालियर

सन्त आशीष : साधना-सत्संग, ग्वालियर

19th Nov 2024

सन्त आशीष

 

पूज्यश्री महाराज जी के मुखारविन्द से :
‘ठाकुर ने कहा, स्वामी जी ने कहा, कोई अंतर वाली बात नहीं है। एक हाथ से काम करो, दूसरा हाथ परमात्मा के श्री चरणों पर रखो। देखो, संत-महात्माओं की बातें, एक हाथ से काम करो, दूसरा हाथ परमात्मा के श्री चरणों पर रखो, पकड़ कर रखो – सिमरन और सेवा।
यही तो स्वामी जी महाराज सुन्दर शब्दों में स्पष्ट करते हैं। परमात्मा के चरणों पर बेटा, हाथ रखना मानो परमात्मा को याद करना, सिमरन करना और एक हाथ आपने काम में लगाया हुआ है। ठाकुर कहते हैं- काम खत्म हो जाये तो क्या करना है ? दोनों हाथ परमात्मा के चरणों पर। लो परमात्मा, करवाने वाले, करने वाले, प्रेरणा देने वाले का धन्यवाद ! बल देने वाले का धन्यवाद! इस हाथ की क्या हिम्मत और मेरी क्या हिम्मत कि तेरी ताकत के बिना, तेरी इच्छा के बिना, हम कुछ कर सकें। जब ठाकुर कहते हैं, स्वामी जी कहते हैं, दोनों हाथ परमात्मा के चरणों पर तो उनका अर्थ यही है।’
[साधना-सत्संग, ग्वालियर में भी ऐसे ही सिमरन, सेवा, सन्त आशीष तथा राम कृपा का अनुभव प्रति-क्षण पग-पग पर होता रहा।]
प्रेषक : श्रीरामशरणम्, रामसेवक संघ, ग्वालियर