ब्रह्म-मुहूर्त में जागरण का महत्व
22nd Apr 2025
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हमने देख लिया जग का नजारा, कि बाबा जैसा और कोई ना ।
12th Apr 2025
हमने देख लिया जग का नजारा। कि बाबा जैसा और कोई ना ।।
पूज्यपाद श्री स्वामी सत्यानन्द जी महाराज [चैत्र पूर्णिमा – अवतरण दिवस पर विशेष ]

एक संत से किसी साधक ने पूछा : मोक्ष कैसे मिलेगा ?
संत ने उत्तर दिया : परमात्मा को अपना बना लो फिर सिमरन व सेवा करो, मोक्ष मिल जाएगा। जीवन का लक्ष्य मोक्ष नहीं है अपितु भगवद् प्राप्ति है। नाम भक्ति साधना है। लक्ष्य प्राप्त करने के लिए नाम की साधना करो, भगवद् प्राप्ति हो जाने से मोक्ष स्वतः ही प्राप्त हो जाएगा।
भगवद् प्राप्ति कैसे हो ? इसके लिए श्रीमद्भगवद् गीता में भगवानश्री कृष्णचन्द्र जी महाराज कहते हैं-
- मुझमें मन लगा।
- मेरा भक्त बन।
- मेरा पूजक हो जा।
- और मुझको ही नमस्कार कर।
- इस प्रकार तू मुझे ही पायेगा अर्थात् भगवद्-प्राप्ति कर लेगा। [अध्याय-18, श्लोक-65]
गुरु-कृपा से विवेक जाग्रत होता है। राम-कृपा से भक्ति जाग्रत होती है ।।
– पूज्यश्री (डॉ.) विश्वामित्र जी महाराज के मुखारविन्द से (साधना-सत्संग, हरिद्वार चैत्र पूर्णिमा, 2012)
[राम सेवक संघ के वरिष्ठ साधक की ‘धरोहर’ से]
प्रेषक : श्रीराम शरणम्, रामसेवक संघ, ग्वालियर