व्यास पूर्णिमा-विक्रम सम्वत् 2080

Shree Ram Sharnam Gwalior

श्री राम शरणम्

राम सेवक संघ, ग्वालियर

21 दिवसीय विशेष साधना-यज्ञ

भज ले श्री भगवान को, अवसर बीता जाय। नाम रत्न धन लूट ले, बीता हाथ न आय ।।

[भक्ति-प्रकाश]

पूज्यपाद श्री स्वामी जी महाराज की साधना-पद्धति के प्रमुख अंग हैं- ध्यान, जाप एवं स्वाध्याय । नाम-दीक्षा ग्रहण करते समय साधक अध्यात्म में प्रवेश करता है और दीक्षा-व्रत धारण करता है तथा दीक्षा-गुरु को वचन देता है- मैं इस उपासना विधि को करता रहूँगा, छोडूंगा नहीं। इसी साधना-पद्धति को घर में रहते हुए प्रैक्टिकल रूप में करने हेतु राम सेवक संघ द्वारा विशेष साधना-यज्ञ का आयोजन किया जा रहा है।
■ इस 21 दिवसीय साधना-सत्र का आयोजन 12 अप्रैल, 2025 (चैत्र पूर्णिमा, पूज्यपाद श्री स्वामी जी महाराज के अवतरण दिवस) से आरम्भहोकर समापन 2 मई, 2025 को होगा। विशेष साधना-यज्ञ में भाग लेने वाले साधकों को एक निर्धारित फॉर्म में प्रतिदिन सभी नियमों जैसे- ध्यान, जाप, पाठ, स्वाध्याय को नोट करना है तथा यज्ञ पूर्ण होने पर वह फॉर्म जमा कराना है।
■ ग्वालियर से बाहर के साधकगण भी इस विशेष साधना-यज्ञ के लिए नाम लिखवा सकते हैं वह इस हेतु निर्धारित फॉर्म का प्रिन्ट स्वयं निकलवा सकते हैं।
■ विशेष साधना करते हुए, चलते-फिरते, कामकाज में, दिन में हमें कई बार स्मरण करना है कि नाम के मंत्र का अधिष्ठाता, परम पुरुष परमात्मा मेरे समीप है, मैं अकेला नहीं हूँ, मेरा आराध्य देव इस विशेष साधना-यज्ञ में मेरे अंग-संग है तथा मेरी सहायता करेगा, मुझे बल देगा और मेरे यज्ञ का संरक्षण भी वही करेगा।
■ घर पर ही रहकर हमें साधना करनी है। (इसके लिए आश्रम आना आवश्यक नहीं हैं) इससे साधक की आध्यात्मिक भूमि दृढ़ होती है। अतः हम सभी को इस साधना-यज्ञ में अवश्य ही भाग लेना चाहिए। यदि किसी कारणवश कहीं बाहर जाना पड़े (out of station) तो आप वहाँ भी ध्यान, जाप, पाठ तथा स्वाध्याय के नियम का पालन कर सकते हैं।
■ इस विशेष साधना-यज्ञ में सभी नाम-दीक्षित साधकगण आमंत्रित हैं। अपनी दिनचर्या व्यवस्थित कर लेने से आप सरलतापूर्वक इस यज्ञ को पूर्ण कर लेंगे तथा इस यज्ञ में आपको अत्यन्त आनन्द की अनुभूति होगी।
और अधिक जानकारी के लिए आप इस मोबाइल नम्बर्स पर सम्पर्क कर सकते हैं-
98276 70634, 8989476802, 75095-57000.
प्रेषक : श्रीराम शरणम्, रामसेवक संघ, ग्वालियर

नवसंवत्सर 2082 की बधाई।

नाम-आराधन, नाम-उपासना हेतु श्री माधव सत्संग आश्रम, श्रीरामशरणम् ग्वालियर में 14 मार्च से 17 मार्च, 2025 तक नामोपासना सत्संग शिविर का आयोजन किया जा रहा है।

“संत सरोवर झील पर, गंग यमुन के तीर।

 हिममय शीतल देश में, ध्यान करें धरधीर।” 
            (श्री भक्ति-प्रकाश)
श्री माधव सत्संग आश्रम-श्रीराम शरणम्, ग्वालियर में 19 जनवरी, 2025 (रविवार) को एकदिवसीय हिम ऋतु सत्संग का आयोजन किया जा रहा है।

गीता – ज्ञान-यज्ञ [20 अगस्त से 26 अगस्त, 2024 तक]

श्री माधव सत्संग आश्रम, श्रीराम शरणम् ग्वालियर में विजयादशमी के उपलक्ष्य में श्री वाल्मीकीय रामायणसार का मास-परायण पाठ 24 सितम्बर, 2023 (रविवार) से प्रारम्भ होने जा रहा है। यह पाठ आश्रम में नित्य सत्संग में प्रातः 7:00-8:00 बजे तक होगा। यह पाठ 24 अक्टूबर, 2023 विजयादशमी के दिन पूर्ण होगा।
जो आश्रम में नित्य सत्संग में नहीं आ सकते, वे घर में भी पाठ कर सकते हैं। यह पाठ आप अपनी सुविधानुसार दिन में 2-3 बार में पढ़कर भी पूर्ण कर सकते हैं।
विनीत :
श्री माधव सत्संग आश्रम,
श्रीराम शरणम्, ग्वालियर।

गीता – ज्ञान-यज्ञ

[1 सितम्बर से 7 सितम्बर 2023 तक ]

भगवद्गीता ज्ञान की, गंगा निर्मल नीर । भक्तों के मनोभाविनी, आत्म-दर्शन तीर ॥

गीता गागर में भरा, सागर ज्ञान महान । कर्मयोग के पन्थ में, चमके सूर्य समान ॥

(भक्ति-प्रकाश)

 

भगवान कृष्ण ने श्रीमुख से स्वयं कहा है, ‘गीता का पाठ करना और उसको सुनना – सुनाना ज्ञान – यज्ञ है, उससे मैं पूजा जाता हूँ ।’

श्रीमद्भगवद् गीता हिन्दुओं के ज्ञान-निधि में एक चिन्तामणि रत्न है । सत्य पथ को प्रदर्शित करने के लिए गीता अद्वितीय और अद्भुत ज्योति स्तम्भ है। इसमें कर्म, भक्ति एवं ज्ञान का समन्वय है, इसलिए यह एक जीवनशास्त्र है। यह आत्म-ज्ञान की गंगा है।

श्री माधव सत्संग आश्रम, श्रीरामशरणम् ग्वालियर में प्रति वर्ष की भाँति श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के पावन पर्व पर गीता-ज्ञान-यज्ञ का आयोजन किया गया है, जिसमें परम संत श्री स्वामी सत्यानन्द जी महाराज द्वारा अनुवादित श्रीमद्भगवद् गीता का पाठ किया जाता है।

श्रीमद्भगवद् गीता का यह माहात्म्य है कि इसको जीवन में बसाने से और कर्मों में ले आने से मनुष्य का व्यक्तिगत, पारिवारिक और सामाजिक जीवन उन्नत होकर उसका यह लोक सुधर जाता है और साथ ही आत्मा-परमात्मा का शुद्ध बोध हो जाने से उसकी जन्म- बन्ध से मुक्ति भी हो जाती है।

पूज्यपाद श्री स्वामी जी का कथन है- हम सबको जन्माष्टमी के अवसर पर एक सप्ताह के लिए दैनिक गीता पाठ करना चाहिए तथा आम लोगों को भी इसके लिए प्रोत्साहित करना चाहिए, क्योंकि इससे जाति को लाभ होता है। (प्रवचन पीयूष )

गीता-पाठ करने की विधि

  • गीता पाठ दिनांक 1 सितम्बर, शुक्रवार से प्रारम्भ होगा। यज्ञ की पूर्णाहुति 7 सितम्बर, गुरुवार श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के दिन श्री माधव सत्संग आश्रम में होगी ।
  • यह पाठ नित्य प्रातः 7 से 8 बजे तक आश्रम में हुआ करेगा। जो साधक आश्रम में नहीं आ सकते, वे घर पर भी गीता-पाठ कर सकते हैं ।
  • लगभग 50 पृष्ठ प्रतिदिन पढ़कर 6 सितम्बर, बुधवार तक 17 अध्याय पूर्ण करने होंगे। यदि आप एक बार में पढ़ सकें तो दो-तीन बार में पढ़कर भी पाठ पूर्ण किया जा सकता है ।
  • अठारहवें अध्याय का पाठ 7 सितम्बर, गुरुवार (श्री कृष्ण जन्माष्टमी) को प्रातः 7.30 से 9.00 बजे तक आश्रम में आयोजित विशेष सत्संग में होगा। (कृपया समय से पूर्व पधारें)
    यदि आश्रम में आपका आना किसी कारणवश बिल्कुल भी संभव नहीं हो तो 18वां अध्याय घर पर पढ़कर भी गीता-पाठ का समापन किया जा सकता है ।
  •  पाठ करने हेतु गीता आपको मिल जायेगी, जो पाठ की समाप्ति पर आप लौटा सकेंगे। यदि आप इसे क्रय करना चाहें तो क्रय भी कर सकते हैं ।
  • कृपया परमात्मा को प्रणाम कर पाठ प्रारम्भ किया करें तथा पाठ-समाप्ति पर भी प्रणाम करें। अनुरोध है इस पुनीत यज्ञ में अपने स्नेहीजनों सहित गीता पाठ कर जीवन सार्थक बनायें ।

सम्पर्क सूत्र-

श्री सुरेश केलवानी – 9827670634

श्री आर. पी. सिंह – 9425775065
श्रीमती वंदना गुप्ता – 8989476802

निवेदक

श्री माधव सत्संग आश्रम

(श्रीराम शरणम्)

श्री अम्मा महाराज की छत्री (उत्तरी गेट) महादजी पार्क, हरिदर्शन विद्यालय मार्ग

लश्कर, ग्वालियर (म.प्र.)

*एकदिवसीय श्रावणी सत्संग*
💧 *राम रची लीला मधुर,*
💧 *वर्षा ऋतु सुखखान।*
💧 *सुजन सन्त सुख मानते,*
💧 *सज्जन जान अजान।*
 श्री माधव सत्संग आश्रम, श्रीराम शरणम् ग्वालियर में 6 अगस्त, 2023 को पावस ॠतु में *एकदिवसीय श्रावणी सत्संग* का आयोजन किया जा रहा है।
🌧 यह सत्संग 6अगस्त को प्रातः 7:30 बजे प्रारम्भ होकर सायं 5:00 बजे समाप्त होगा।
🌧 सम्मिलित साधकों को प्रातराश, भोजन तथा चाय आश्रम में ही प्राप्त होगी। सभी से भोजन शुल्क सत्संग समाप्ति पर ले लिया जावेगा।
🌧 भोजन के बर्तन तथा दिनभर के लिए अपना आवश्यक सामान (जैसे- चादर, दवाइयां इत्यादि) साथ लेकर आवें।
🌧 इच्छुक नाम दीक्षित साधक दैनिक सत्संग अथवा रविवारीय सत्संग के पश्चात आश्रम में आकर अपने नाम लिखवा सकते हैं। *फोन/ वाट्सएप पर नाम नहीं लिखे जावेंगे।*
🌧 *केवल नाम-दीक्षित साधकजन ही नाम लिखवायें।
विनीत :
श्री माधव सत्संग आश्रम,
श्रीराम शरणम्, ग्वालियर।